hanuman chalisa - An Overview
hanuman chalisa - An Overview
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व्याख्या – ‘राम लखन सीता मन बसिया’– इसका दूसरा अर्थ यह भी है कि भगवान् श्री राम, श्री लक्ष्मण जी एवं भगवती सीता जी के हृदय में आप बसते हैं।
हनुमान चालीसा लिरिक्स स्वयं गोस्वामी तुलसीदास जी ने लिखे हैं, जो कि रामायण के बाद सबसे प्रसिद्ध रचना है।
बल बुधि बिद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार ॥ ॥चौपाई॥ जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।
व्याख्या – श्री हनुमान जी को उनकी स्तुति में श्री लक्ष्मण–प्राणदाता भी कहा गया है। श्री सुषेण वैद्य के परामर्श के अनुसार आप द्रोणाचल पर्वत पर गये, अनेक व्यवधानों एवं कष्टों के बाद भी समय के भीतर ही संजीवनी बूटी लाकर श्री लक्ष्मण जी के प्राणों की रक्षा की। विशेष स्नेह और प्रसन्नता के कारण ही किसी को हृदय से लगाया जाता है। अंश की पूर्ण परिणति अंशी से मिलने पर ही होती है, जिसे श्री हनुमन्तलाल जी ने चरितार्थ किया।
व्याख्या – श्री हनुमान जी की चतुर्दिक प्रशंसा हजारों मुखों से होती रहे ऐसा कहते हुए भगवान् श्री राम जी ने श्री हनुमान जी को कण्ठ से लगा लिया।
Realizing this, Tulsidas check here transformed his solution. He started off the hymn by praising Lord Rama and requesting his blessings, while continue to honoring Hanuman in the rest of the verses. This fashion, he respected Hanuman’s choice for Rama’s praise and established a hymn that matched Hanuman’s humble nature.[33]
सप्तैतान् संस्मरेन्नित्यं मार्कण्डेयमथाष्टमम्।
SankataSankataTrouble / issue kataiKataiCut quick / conclusion mitaiMitaiRemoved sabaSabaAll pīrāPīrāPains / difficulties / sufferings
बिकट रूप धरि लङ्क जरावा ॥९॥ भीम रूप धरि असुर सँहारे ।
महाबीर जब नाम सुनावै ॥२४॥ नासै रोग हरै सब पीरा ।
Just one who relates to You with any longing or simply a sincere want obtains the abundance in the manifested fruit, which stays undying through lifetime.
नारद सारद सहित अहीसा ॥१४॥ जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते ।
तिन के काज सकल तुम साजा ॥२७॥ और मनोरथ जो कोई लावै ।
He are going to be a Element of humanity endlessly, even though the Tale of Rama lives on and also the Tale will go on as being the gods recite the story often. Therefore, He'll Stay permanently.[fifty five]